चीन को चिंता है कि टेस्ला भारत में एक कारखाना खोलने की योजना बना रहा है। चीन चाहता है कि टेस्ला अपने एशियाई कारोबार में विविधता लाए। टेस्ला के संस्थापक एलन मस्क ने भारत में एक इलेक्ट्रिक वाहन प्लांट स्थापित करने की योजना की घोषणा की है। इसके बावजूद, चीनी सरकार और उसके मीडिया ने इस पर तीखी आलोचना की है। दोनों देशों के व्यापारिक बाजार में टेस्ला के वेंचर की व्यवहार्यता के बारे में चिंता जताई गई है।
मस्क ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने का इरादा जताया है, जिसने टेस्ला की महत्वाकांक्षी परियोजना के बारे में अटकलों को हवा दे दी है । इस परियोजना में कई अरब डॉलर का निवेश शामिल हो सकता है, जिसमें एंट्री-लेवल की इलेक्ट्रिक कारों के निर्माण शामिल हो सकता है। इन कारों को "मॉडल 2" नाम दिया जा सकता है और इसकी कीमत लगभग 25 लाख रुपये हो सकती है।
चीनी अखबार "द ग्लोबल टाइम्स" ने चीनी सरकार के अधिकारियों की ओर से भारत में टेस्ला के कार्यों को समायोजित करने की तैयारी पर संदेह जताया है। उन्होंने भारत में "कम तैयार" और "अपरिपक्व बाजार" के बारे में चिंता जताई है।
"द ग्लोबल टाइम्स" की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में ईवी (Electric Vehicle) को अपनाने की प्रक्रिया अभी भी अपनी शुरुआती अवस्था में है। चाहे भले ही देश में ईवी का योगदान केवल 2.3 प्रतिशत हो।
अन्य बातों के अलावा, भारत की कोयले पर निर्भरता की ओर भी ध्यान दिया गया है, जो जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने की अपनी क्षमता में बाधा डाल सकता है। इसने लिथियम-आयन बैटरी जैसे प्रमुख ईवी कंपोनेंट के सीमित घरेलू उत्पादन को भी रेखांकित किया है। जो टेस्ला के भारत में संचालन के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा हो सकता है।