chote miya bade miya movie review in hindi

‘chote miya bade miya’की शुरुआत में भारत का एक ज़रूरी हथियार चोरी हो जाता है। चुराने वाला खुद को प्रलय बताता है और कहता है कि उसका इरादा पूरे भारत को घुटने पर लाने का है। यही कारण है कि भारतीय सेना अपने दो कोर्ट मार्शल हुए जवानों को बुलाती है। फिरोज़ और राकेश उनके आधिकारिक नाम हैं, लेकिन सब उन्हें फ्रेडी और रॉकी बुलाते हैं। एक मिशन की वजह से उनके नाम से बड़े मियां और छोटे मियां भी जुड़ जाता है। ये दोनों कैसे उस हथियार को वापस लाएंगे, जिसमें ऐसा क्या है कि पूरे हिंदुस्तान पर खतरा मंडरा रहा है, यही फिल्म की कहानी है।


अपनी फिल्म में अली अब्बास ज़फर ने दो एलिमेंट्स को एक साथ लाने की कोशिश की है। पहले में अक्षय कुमार और टाइगर श्रॉफ हैं, जबकि दूसरा एक्शन और कॉमेडी है। इन दोनों बातों में कुछ हद तक सफलता भी मिली और कमी भी छूट गई। टाइगर और अक्षय एक लव-हेट ऑफिसर हैं। दोनों हीएक दूसरे पर तंज कसते रहते हैं, टांग खींचते हैं, लेकिन मिशन के लिए हमेशा साथ हो जाते हैं। फिल्म के फर्स्ट हाफ में जैसे कॉमेडिक पंचेस थे, वो अपना काम भी करते हैं। उनके साथ सिर्फ एक समस्या है। फ्रेडी और रॉकी कुछ करने वाले हैं। टाइगर का चरित्र रॉकी फिर कहता है कि मैं PUBG खेलना शुरू करता हूँ। फ्रेडी पलटकर कहता है, 'चाइनीज गेम, देशद्रोही'। मिशन पूरा होता है। रॉकी कहता है कि PUBG ने 16 मारे, फौजी ने कितने मारे?


एक और जगह फ्रेडी ‘फिर हेरा फेरी’ के राजू वाला पोज़ देता है। एक जगह टाइगर कहते हैं कि टेररिज्म में भी नेपोटिज्म होता है। वहां मौजूद सभी लोग उन्हें देखने लगते हैं। ऐसे सीन्स पर क्विक हंसी आती है। लेकिन फिर लगता है कि यहां ह्यूमर निकलवाने के लिए मेटा रेफ्रेंसिंग का इस्तेमाल हुआ। अक्षय की जितनी भी पॉपुलर कॉमेडी फिल्में हैं, वहां अक्षय पर कमेंट नहीं किया गया। बल्कि उनके किरदार की दशा दिखाई। इससे ऑर्गैनिक ढंग से कॉमेडी निकली। 



फिल्म का दूसरा पक्ष है एक्शन। फिल्म में कुछ कूल एक्शन सीक्वेंसेज हैं जहां हीरोइज़्म को अच्छे ढंग से भुनाया गया है। एक्टर्स को एक्शन करते हुए देखकर लगता है कि वहाँ कोशिश की गई है। एक्शन सीन्स में कभी-कभी कंटिन्यूटी टूट जाती है, लेकिन यह इतना बड़ा नहीं लगता कि सीन का मज़ा खराब हो जाए। फ्रेडी और रॉकी का पहला एक्शन सीन बड़ा था। फिर चाहे बमबारी हो या हाथ-टू-हाथ कॉम्बैट। Action scenes में टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार सही काम कर रहे हैं।


अक्षय कुमार समेत फिल्म से जुड़े कई लोगों ने कहा कि वो हॉलीवुड वाले नेरेटिव से पक गए हैं, जिसमें दुनिया पर मुसीबत आए तो अमेरिका सबसे पहले आगे आ जाता है। अक्षय ने कहा कि BMCM के ज़रिए वो ये दिखाना चाहते हैं कि इंडिया भी ये काम कर सकता है। ग्लोबल होने के चक्कर में ‘बड़े मियां छोटे मियां’ की कहानी इंडिया के अलावा पूरी दुनिया में घूमती है। कभी जॉर्डन जा रहे हैं, कभी ग्लासगो। ग्लोबल होने के चक्कर में ये फिल्म अपनी भारतीयता बनाए नहीं रख पाती। टेक्नोलॉजी और विलन का मास्क और भारी लेदर वाला कॉस्ट्यूम सब कुछ बाहर का लगता है।



‘बड़े मियां छोटे मियां’ में अक्षय और टाइगर की केमिस्ट्री कुछ जगहों पर फन थी। दोनों ने सही एक्शन किया। कुछ कॉमेडिक पंचेस भी काम करते हैं। मानुषी छिल्लर ने कैप्टन मीशा का रोल किया, लेकिन उनके डायलॉग एक ही एक्सप्रेशन और टोन के साथ बोले गए। अलाया एफ टेक के मामले में इन लोगों की मदद करती हैं। उनके किरदार को पहले सीन में जैसा दिखाया गया, वो आगे की फिल्म में बस उसी को कम-ज़्यादा कर के पेश करती रहती हैं। सोनाक्षी सिन्हा के हिस्से ज्यादा स्क्रीनटाइम नहीं आया। पृथ्वीराज सुकुमारन को भी खर्च किया गया है। उनके विलन को मोटिव दिया, लेकिन फिल्म उसके जुनून की गहराई में नहीं उतरती।



BMCM के मेकर्स से बस इतना ही कहना है कि अगर आपको अपनी फिल्म पर यकीन था, तो इसकी लंबाई के साथ समझौता नहीं करना चाहिए था। क्लाइमैक्स इतना खट-खट होकर निकलता है कि कोई इम्पैक्ट नहीं छोड़ता। उसके बाद एक लाइन का मोनोलॉग आता है और पिक्चर खत्म। क्रेडिट्स आ रहे हैं, लोग अपनी सीटों से उठ रहे हैं। फ्रेडी और रॉकी का पहला एक्शन सीन बड़ा बनाया गया था। फिर चाहे वह हैंड-टू-हैंड कॉम्बैट हो या बमबारी हो। टाइगर श्रॉफ और अक्षय कुमार ने एक्शन में सही काम किया है। जिनके बोल इरशाद कामिल ने लिखे और विशाल मिश्रा ने म्यूज़िक दिया। इन गानों का रिटेंशन बस 15 सेकंड वाली रील के बराबर बनकर रह जाता है।



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